लॉकडाउन 2.0 में रियायतों का पहला दिन, लेकिन सभी असमंजस में रहे। सरकार ने किताब के साथ ही पंखे, कूलर व एसी को असेंशियल घोषित कर किया था, लेकिन उसकी दुकानें नहीं खुली। दुकानदार तो असमंजस में थे ही, अफसरों को भी जानकारी नहीं थी। इसलिए, जहां कहीं किताबों की दुकानें खुली, उसे पुलिस ने बंद करा दिया। केंद्र सरकार ने सोमवार से राशन सहित असेंशियल सामान की दुकानें खोलने के लिए समय की पाबंदी हटा दी थी, लेकिन पुलिस ने आठ मरला सहित शहर में कई जगहों पर जबरन दोपहर 12 बजे से पहले ही दुकानें बंद करवा दी। बावजूद, इसके पानीपत में संयम रहा। इसलिए कहीं कोई विरोध नहीं हुआ और सबने दुकानें बंद कर दी।
हालांकि, देर शाम प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि किताबें, पंखे, कूलर व एसी की दुकानों के लिए कोई अतिरिक्त परमिशन की जरूरत नहीं है। वहीं, पहले दिन इंडस्ट्री चलाने की अनुमति भी नहीं मिल पाई। पूरा दिन कागजी कार्रवाई में ही गुजरा। सही से पोर्टल भी नहीं चल पाया। उधर, अनाज मंडियों में आढ़तियों ने गेहूं उठाने से इनकार कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने सरकारी एजेंसियों को गेहूं उठाने की जिम्मेदारी दी।
साेमवार दाेपहर करीब 2 बजे 10 मिनट में 63 वाहन गुजर गए। जिनमें से 28 वाहन सरकारी, 14 कारें और 21 वाहन कॉमर्शियल थे। रविवार रात 12 से साेमवार 7 बजे तक करीब 860 वाहन टाेल टैक्स से गुजरे। जबकि शनिवार काे टाेल से करीब 690 वाहन ही गुजरे थे।
किताबें व पंखे-कूलर की दुकानों के लिए परमिशन की जरूरत नहीं
काेरोना नियंत्रण संबंधी मामलों के पानीपत के नाेडल ऑफिसर सीनियर आईएएस व हरियाणा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन और हरियाणा विद्युत पावर निगम के एमडी मोहम्मद शयीन ने स्पष्ट कर दिया कि जिस तरह से मेडिकल स्टोर के लिए किसी अन्य परमिशन की जरूरत नहीं, उसी तरह से किताब व पंखे-कूलर दुकानदारों को किसी परमिशन की जरूरत नहीं है। इलेक्ट्रिक रिपेयर वाले भी दुकान खोल सकेंगे। उन्होंने कहा कि समय की भी कोई ऐसी पाबंदी नहीं लगाई गई है। सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग को मेनटेंन करें।
उद्योग चलाने की अनुमति देने वाली पोर्टल कमेटी अंधेरे में
उद्योग चालने की 20 अप्रैल से ही अनुमति देनी थी, लेकिन सरल पोर्टल भी अब तक ठीक से काम नहीं कर रहा है। जिस पोर्टल कमेटी को उद्योग चलाने की अनुमति दी गई है, अभी तक वहीं कमेटी अंधेरे में है। अफसरों को अनुमति देने के लिए अब भी यूजर आईडी नहीं मिली है। इतना नहीं, इंडस्ट्री चलाने के लिए दो बाद स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) फार्म अपलोड किए गए। इसमें भी समय लग गया। करीब 100 से अधिक उद्यमियों ने सरल पोर्टल पर आवेदन किया। परमिशन के लिए एक्सपोर्टर पूरे दिन परेशान रहे। उन्होंने सांसद व प्रभारी नायब सिंह सैनी से मिलकर समस्याएं रखी।
पहले दिन नहीं हुई 1 भी रजिस्ट्री, अफसर इसके पक्ष में नहीं
तहसील में ही पता चला कि जिले की पांचाें तहसीलाें के तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी रजिस्ट्री करने के पक्ष में नहीं है। रजिस्ट्री हाेल्ड कराने की मांग काे लेकर डीसी हेमा शर्मा ज्ञापन दिया। कहा कि अगर रजिस्ट्री हुई ताे काेराेनावायरस संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। रजिस्ट्री के लिए अभी हालात उपयुक्त नहीं है। लाेग आना शुरू हुए ताे संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। विभाग और जनता के हित में रजिस्ट्री हाेल्ड की जाए। तब डीसी ने उनसे ज्ञापन लेकर सरकार काे भेजने का आश्वासन दिया है।
डॉक्टर बोले: हर सर्दी-जुकाम कोरोना नहीं, मौसम ही ऐसा है
सिविल अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू हो गई। पहले दिन 550 मरीज पहुंचे। जिसमें से 230 खांसी, जुकाम और बुखार के मरीज थे। सब आशंकित थे कि कहीं उन्हें कोरोना तो नहीं। इस बारे में सिविल अस्पताल के फिजिशियन डाॅ. जितेंद्र त्यागी ने हर सर्दी-जुकाम कोरोना नहीं है। अभी मौसम ही ऐसा है। इसे काेराेना ही न समझें। उन्होंने कहा कि जांच में बुखार, खांसी, जुकाम, सांस की तकलीफ, शुगर के मरीज मिले। बुखार वाले मरीजाें काे सैंपलिंग के लिए भेजे देते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा जांच हाे।
500 रैपिड टेस्ट किट्स मिलीं
कोरोना संदिग्ध की प्रारंभिक जांच अब पानीपत सिविल अस्पताल में ही हो जाएगी। 15 से 40 मिनट में ही पता भी चल जाएगा कि कोरोना है या नहीं। अस्पताल प्रशासन को 500 रैपिड एंटी बॉडी बेस्ड ब्लड टेस्ट किट मिली हैं। इस किट से संदिग्ध की जांच की जाएगी। रिपोर्ट पॉजिटिव निकले या निगेटिव, फिर उसके सैंपल जांच के लिए खानपुर लैब भेजे जाएंगे। सीएमओ डॉ. संतलाल वर्मा ने बताया कि ये किट सभी सीएचसी और पीएचसी में भी भेजी जाएगी, ताकि मौके पर ही प्राथमिक रूप से जांच हो सके। रैपिड टेस्ट शुरू होने के बाद अब अस्पताल में स्क्रीनिंग करवाने वालों के भी अस्पताल में ही टेस्ट हो सकेंगे।
टेस्ट निगेटिव आने पर 10 दिन बाद फिर से होगी जांच
लैब टेक्नीशियन सुल्तान सिंह और प्रवीन दूहन ने बताया कि रैपिड टेस्ट में अगर कोरोना वायरस के ई-जींस सामने आते हैं तो मरीज के टेस्ट को लेबोरेटरी में रियल टाइम-पोलीमीरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। अगर मरीज का रैपिड टेस्ट निगेटिव भी आता है तो उसे घर में ही क्वारेंटाइन किया जाएगा। 10 दिन बाद दोबारा टेस्ट होगा। अगर तब टेस्ट पॉजिटिव आता है तो मरीज को अस्पताल में आइसोलेट किया जाएगा।
लैब टेक्नीशियन को दी गई ट्रेनिंग
डॉ. वर्मा ने लैब टेक्नीशियन को ट्रेनिंग दी है। ट्रायल के ताैर पर डाॅ. अविराल शर्मा, डाॅ. प्रीति, डाॅ. प्रदीप मलिक, लैब टेक्नीशियन सुल्तान सिंह, प्रवीण दूहन, बालकिशन, राजन गर्ग, ममता, सतबीर सिंह, निर्मल चहर की जांच की गई। इन सभी की 15 मिनट बाद ही रिपाेर्ट निगेटिव आई।
पानीपत के 2 निगेटिव केसों को पॉजिटिव रिपोर्ट भेजने वाली लैब पर बैन
काेराेना टेस्ट के 6 सैंपलाें की गलत रिपाेर्ट देने पर गुरुग्राम की एसआरएल लैब पर सरकार ने बैन लगा दिया है, क्याेंकि इसे प्रदेश के 6 निगेटिव केसाें की पाॅजिटिव रिपाेर्ट भेज दी थी। इनमें 2 केस पानीपत के भी थे। इसमें एक केस शांति नगर के 43 साल के व्यक्ति का था ताे वहीं दूसरा केस नवादा आर के 40 वर्षीय व्यक्ति का था। इसमें इनका पहला सैंपल भेजा गया ताे उन्हाेंने पाॅजिटिव रिपाेर्ट भेजी, इसके बाद विभाग ने खानपुर और गुरुग्राम की इसी लैब में रिपीट सैंपल भेजे ताे रिपाेर्ट निगेटिव आई।
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