लॉकडाउन-2 में सोमवार राहत के पहले दिन सरकार ने सीमित छूट दी। लोगों ने बाहर निकलने की जगह वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाई। इसलिए पहले दिन न तो ज्यादा इंडस्ट्री चली और न ही ज्यादा रजिस्ट्री हुईं। मंडियों में मिलाजुला असर दिखाई दिया। बहुत कम किसान गेहूं लेकर मंडी में पहुंचे। उद्योगपतियों में पहले दिन असमंजस की स्थिति थी कि इंडस्ट्री खोलें या नहीं। वहीं, इंडस्ट्री को खोलने के नियम टूटने पर एफआईआर के नियम से उद्योगपति घबराए हुए थे। अब सरकार ने इस नियम को हटा दिया है, जिससे राहत मिली है। हालांकि हिसार, पानीपत समेत कई शहरों ढील का फायदा उठाकर बेवजह भी लोग घरों से निकल आए। पानीपत में कई जगह गैरजरूरी सामान वाली दुकानें भी खुलीं, लेकिन दोपहर तक पुलिस ने बंद करवाया।
40 इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानें खुलीं
अम्बाला में अधिकतर बाजार बंद रहे, लेकिन कुछ जगह दुकानें खुलने से भीड़ बढ़ गई। रोहतक में असमंजस के बीच पालिका बाजार में 40 के करीब इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानें खुलीं। हालांकि एक घंटे बाद ही प्रशासन और व्यापारियों ने बंद करा दिया। उधर, गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि लॉकडाउन में ढील के बाद बिना जरूरत के भी लोग बाहर निकले हैं। पानीपत समेत कुछ जगह से मेरे पास सूचना आई है। इसलिए इस ढील को लेकर विचार किया जाएगा। बिना पास किसी को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
उद्योग : ऑनलाइन मंजूरी और नियमों को समझ रहे राज्य के कारोबारी
पहले ही दिन प्रदेश में कम ही इंडस्ट्री खुलीं। फिर भी 627 इंडस्ट्रियों की ओर से आवेदन किया गया है। इनमें छोटी-बड़ी कंपनियां शामिल हैं। गुड़गांव व सोनीपत में उद्योग नहीं खुले। करनाल में 23 तो कैथल में 38 ने आवेदन किया है। कुरुक्षेत्र में फार्मा इंडस्ट्री खुली, लेकिन डिमांड व श्रमिक न होने के चलते संचालक बंद करनी पड़ी। फरीदाबाद के आवेदन जांचे जा रहे हैं।
क्योंकि...उद्यमी कड़ी शर्तों और लेबर को लेकर थोड़ी असहज स्थिति में हैं। रिटेल चेन भी अभी बनी नहीं है। बहरहाल, नियम टूटने पर केस नहीं होंगे। इससे उद्योग खुलेंगे।
बाजार : असमंजस में दुकानदार, कौन दुकानें खुलेंगी, अभी यह स्पष्ट नहीं
बाजारों में कौनसी दुकानें खुलेंगी और कौनसी नहीं, इसे लेकर अभी दुकानदारों में असमंजस की स्थिति है। जींद में कई दुकानें बिना अनुमति के खुलीं, जिन्हें प्रशासन को बंद करवाना पड़ा। हिसार, पानीपत व कुरुक्षेत्र में सोमवार सुबह बाजारों में लोगों की हलचल बढ़ गई, लेकिन दोपहर बाद फिर सन्नाटा पसर गया।
क्योंकि... कई जगह तो अधिकारी भी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाए। इसलिए कई जिलों में गैरजरूरी सामान की दुकानें भी खुल गईं, जिन्हें बंद करवाना पड़ा।
मंडी : पहले दिन वेट एंड वॉच की स्थिति में रहे अधिकतर किसान
मंडियों में पहले दिन किसानों के आने की संख्या तय थी। हालांकि ज्यादातर मंडियों में इससे भी कम किसान आए। इसके बाद गेहूं लेकर आएंगे। कुछ जगहों पर आढ़तियों ने खरीद करने से मना किया तो प्रशासन ने फैसला किया कि खुद खरीद एंजेसियों गेहूं खरीदेंगी। सोनीपत और गोहाना की मंडियों में गेहूं नहीं आया। जींद मंडी में चार किसान पहुंचे। घरौंडा की मंडी में सुबह ज्यादा किसान गेहूं लेकर पहुंच गए।
क्योंकि... कई जगह फसल तैयार नहीं है। मौसम भी खराब है। किसान मंडियों में अच्छे माहौल के इंतजार में भी हैं। कई ने घरों मंे स्टोर करना शुरू किया है।
रजिस्ट्री : लोगों ने कम दिखाई रुचि, सोनीपत में महज चार रजिस्ट्रियां हुईं
तहसीलों में रजिस्ट्री का काम भी शुरू हुआ, पर लोगों ने इसमें ज्यादा रुचि नहीं दिखाई। सोनीपत में चार रजिस्ट्रियां हुईं। कैथल की सभी तहसीलों में कर्मचारी अधिकारी तो पहुंचे, लेकिन कोई रजिस्ट्री नहीं हुई। 10 प्रमाण पत्र बनाए गए। कुरुक्षेत्र, अम्बाला-पानीपत में भी कोई रजिस्ट्री नहीं हुई। फरीदाबाद में डीसी ने रोक लगा दी है। रोहतक में एक रजिस्ट्री हुई, लेकिन सर्वर डाउन होने से दूसरे काम ठप रहे। फतेहाबाद में 11 लोग रजिस्ट्री कराने आए।
क्योंकि... कामकाज का पहला दिन था। प्रक्रिया को आम लोग समझ रहे हैं। कुछ लोग अब भी कागजी कार्यवाही से बचना चाह रहे हैं।
एक्सपर्ट बोले; धीरे-धीरे काम शुरू होना ही सही
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एमडी अस्थाना का कहना है कि छूट में पहले दिन की स्थिति देखें तो काफी हद तक ठीक रही। कुछ जगहों पर सुधार की जरूरत है। उम्मीद जताई थी कि राहत मिलते ही सड़कों पर भीड़ बढ़ेगी। कुछ जगहों को छोड़ दें तो बाकी जगह स्थिति ठीक रही। उद्यमियों और प्रशासन में जब नियमों को लेकर सही तालमेल बन जाए तभी इंडस्ट्री शुरू करनी चाहिए। बाजारों में निमंत्रण करने की जरूरत है, क्योंकि वहां नियमों को लेकर दुकानदारों में असमंजस है। प्रशासन को जाकर उनसे बात करनी चाहिए। मंडियों में तय संख्या के अनुसार किसान आएंगे तो सोशल डिस्टेंसिंग रख पाना आसान होगा। रजिस्ट्रियों पर अभी ज्यादा जोर देने की जरूरत नहीं है, जिसकी ज्यादा जरूरी हो वही करनी चाहिए।
प्रदेश के कई इलाकों में बूंदाबांदी से भीगा गेहूं
मौसम बदलने के बाद दिन का तापमान एक बार फिर से कम हो गया है। कई जिलों में हल्की बारिश से मंडियों में गेहूं भीग गया। सोमवार को तापमान सामान्य से चार डिग्री कम रहा, जहां पारा नारनौल में 37 डिग्री रहा। अम्बाला में यह 31.8 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 21 व 22 अप्रैल को बरसात की संभावना कम है। 23 व 24 को बूंदाबांदी हो सकती है। इसके बाद पारा बढ़ने लगेगा। 30 अप्रैल तक पारा फिर से 40 डिग्री तक जा सकता है। वहीं सोमवार को प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हुई जिसके कारण कटाई का काम प्रभावित हुआ।
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