लॉकडाउन के दौरान सबसे जरूरी चीज है कि आप घर पर रहें। इस महामारी के खतराें काे समझें, लेकिन डरें नहीं। घर पर भले ही इससे परेशानी क्यों न हाे, लेकिन यही साेचें कि हम एक युद्ध लड़ रहे हैं। इसमें संयम और अनुशासन जैसी आदताें काे अपनी खूबियां बनाएं। ऐसा करने वालाें में माॅडल टाउन की मुस्कान, अमर भवन चाैक की मीना व निजी स्कूल के 3 शिक्षक हैं। उन्हाेंने अपनी मानसिक दृढ़ता काे मजबूत हथियार बनाकर अपने संयम व अनुशासन से खुद काे सेल्फ-आइसोलेशन में रखा और सोशल डिस्टेंसिंग निभाई।
लोगों को रोककर 100 मास्क देतीं हैं
अमर भवन चाैक की मीना शर्मा के पास राेज 7 लड़कियाें काे ऑनलाइन हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एचएसएससी) की मुफ्त काेचिंग के बाद भी समय बचता था। लाेगाें के बिना मास्क चालान कटने की खबरें सूनी ताे यूं ही बांटने का ख्याल आया। पड़ाेसी सीमा से सिलाई मशीन मांगी। समाजसेवी एवं उद्यमी विपिन चुघ, अश्वनी पालीवाल, धनराज बंसल व सुभाष शर्मा से अच्छी क्वालिटी में सूती कपड़ा मांगा। इसी से राेजाना रात 8 से 12 बजे तक लगातार कपड़े की कटाई व सिलाई कर 100 से ज्यादा मास्क सिलतीं हैं। दिन में अमर भवन चाैक के आसपास खड़ी हाे जाती हैं, जाे आता जाता है, उन्हें राेक मास्क बांटती है।
लोगों को धार्मिकता से जाेड़ रहीं मुस्कान
माॅडल टाउन की मुस्कान बंसल पुत्री समाज सेवी एवं वृंदावन ट्रस्ट अध्यक्ष राकेश बंसल का कहना है कि हमारी पीढ़ी काे संस्कारी बने रहा बहुत जरूरी है। इसके लिए युवाओंकाे पहले ऑनलाइन जुआ गेम, पब्जी, तंबाेला व लूडाे जैसे गेम से दूर करना है। इन बुरी आदतों काे छुड़वा धर्मिकता से जाेड़ा।
विद्याथियाें काे जूम एप पर मुफ्त पढ़ा रहे चंद्र
चंद्र शर्मा की माॅडल टाउन में ट्यूशन एकेडमी है। लाॅकडाउन में सभी की आय के साधन कम हाेने के कारण 9वीं, 10वीं, 11वीं व 12वीं के बच्चों को जूम एप में मुफ्त में मैथ व साइंस की कोचिंग शुरू कर दी। शर्मा का कहना है कि यह समय एक दूसरे का साथ देने का है। अभिभावक फीस कहां से देंगे।
कोई बच्चा पूरी साल पढ़ना चाहेगा ताे पढ़ाएंगी शेफाली
मॉडल टाउन की शेफाली गर्ग एक निजी स्कूल में 11वीं व 12वीं काे इकोनॉमिक्स पढ़ाती है। शेफाली ने बताया कि उन्हाेंने जूम एप के माध्यम से बच्चाें काे नि:शुल्क पढ़ाना शुरू कर दिया। शेफाली का कहना है कि लॉकडाउन के बाद भी काेई बच्चा पूरा साल पढ़ना चाहेगा ताे वह मुफ्त में ही पढ़ाएंगी।
किताबाें से दूर हुए ताे नुकसान महसूस किया
माॅडल टाउन में ही निजी स्कूल शिक्षक नीरज गर्ग घर पर ही हैं। ऐसे में किताबाें से दूर हुए ताे खुद का भी नुकसान महसूस किया। 11वीं से 12वीं तक के बच्चाें काे मुफ्त अकाउंट्स व इकोनॉमिक्स का ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। नीरज का बिना कमाए काेई कैसे फीस दे पाता। हम अध्यापक हैं। हमारा काम पढ़ाना है।
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