पंचकूला के सेक्टर-15 की सोनिया महाजन (44) से चली कोरोना संक्रमण की चेन अब शहजादपुर पहुंच गई है। सोनिया ने पंचकूला के सेक्टर-11 में जिस प्राइवेट डॉक्टर ऋषि नागपाल के क्लीनिक पर उपचार कराया था, उसी क्लीनिक में इलाज कराने वाली शहजादपुर की 56 वर्षीय महिला के परिवार के 3 सदस्य पॉजिटिव मिले हैं। खास बात ये है कि यह महिला अपने बेटे के साथ इस क्लीनिक में दवा लेने गई थी। इन दोनों के सैंपल निगेटिव आए हैं। लेकिन मां के साथ दवा लेने गए बेटे की 31 वर्षीय पत्नी, महिला का दूसरा 30 वर्षीय बेटा और तीसरे बेटे की 13 वर्षीय बेटी के सैंपल पॉजिटिव आए हैं।
रविवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग की टीम जब शहजादपुर के राजपुतान मोहल्ले में पहुंची तो महिला का कोरोना पॉजिटिव बेटा बिना मास्क के गली में ही घूमता मिला। जबकि 14 अप्रैल को ही इस महिला के परिवार के सभी 14 सदस्यों को घर में ही क्वारेंटाइन (एकांतवास) रहने की हिदायत दी गई थी। 17 अप्रैल को परिवार के 13 सदस्यों के सैंपल लिए गए। महिला के एक बेटे ने 18 अप्रैल को सैंपल दिया। डॉक्टरों के मुताबिक यह परिवार कोई लक्षण न होने की बात कहकर सैंपल देने में आनाकानी कर रहा था। विभाग ने दबाव बनाकर सैंपल लिए थे। रविवार को 13 सैंपलों में से 3 पॉजिटिव और 10 निगेटिव आए। 14वें मेंबर की रिपोर्ट अभी आनी है। अब तीनों पॉजिटिव मिले मरीजों को मुलाना के एमएम अस्पताल (कोविड-19) के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया है।
2 बातें जो बड़े खतरे का संकेत
1. यह कम्युनिटी ट्रांसमिशन का केस माना जा रहा है
2. अम्बाला के ग्रामीण क्षेत्र में यह पहला मामला, यानी कोरोना की गांवों में दस्तक
इस चेन को रोकना होगा
समझें,कैसे पठानकोट से पंचकूला होकर शहजादपुर पहुंची संक्रमण की चेन
18 मार्च : पंचकूला सेक्टर-15 की 44 वर्षीय सोनिया महाजन अपने भाई के साथ पठानकोट अपने मामा के संस्कार में गई। कुछ दिन बाद सेक्टर-15 में ही रहने वाले सोनिया के भाई को बुखार हुआ लेकिन ठीक हो गया।
2 अप्रैल: 2 अप्रैल को सोनिया को बुखार हुआ। 5 अप्रैल तक घर पर ही बुखार की दवा लेती रही। सोनिया शुगर की मरीज है।
6 अप्रैल: सेक्टर-11 में नागपाल क्लीनिक में चेक कराने गई लेकिन डॉ. ऋषिपाल नागपाल को अपनी पठानकोट की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं बताई। ब्लड सैंपल लिए गए।
9 अप्रैल: सोनिया दोबारा पति के साथ नागपाल क्लीनिक गई और बुखार के साथ खांसी होने की भी शिकायत की। एक्स-रे कराने की सलाह दी गई।
11 अप्रैल: सोनिया तीसरे दिन फिर क्लीनिक पहुंची और एक्स-रे में वायरस स्पॉट हुआ। उसी दिन डॉ. नागपाल ने उसे सेक्टर-6 के सरकारी अस्पताल में भेज दिया जहां एडमिट कर लिया गया।
13 अप्रैल: सोनिया की सैंपल रिपोर्ट में वह कोरोना पॉजिटिव मिली।
14 अप्रैल: डॉ. नागपाल ने खुद, परिवार व क्लीनिक के स्टाफ को क्वारेंटाइन कर दिया और सैंपल दिए। हालांकि सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आई। नागपाल क्लीनिक के लैब में काम करने वाले नारायणगढ़ के गांव नन्हेड़ा के युवक के परिवार के 6 सदस्यों को भी क्वारेंटाइन किया है।
14 अप्रैल: 6 से 14 अप्रैल तक डॉ. नागपाल के क्लीनिक में आने वाले 190 मरीजों की लिस्ट स्वास्थ्य विभाग की दी गई। इस लिस्ट में 18-19 लोग शहजादपुर क्षेत्र के थे। इनमें गधौली, कक्कड़माजरा, भूरेवाला, शहजादपुर, नारायणगढ़, भेड़ों, कड़ासन, ब्रह्मपुर, बुडनपुर व बागवाली के मरीज शामिल थे।
17 अप्रैल: नागपाल से उपचार कराने वाली शहजादपुर की महिला के परिवार के 13 लोगों के सैंपल लिए गए।
19 अप्रैल: परिवार के 3 सदस्य पॉजिटिव मिले। अभी डॉ. नागपाल से उपचार कराने वाले श्याम सिंह के परिवार के 7 सदस्यों की रिपोर्ट आनी बाकी है।
(-सोनिया महाजन का पति, बेटी, दिल्ली से आई ननद के परिवार के सदस्यों समेत 9 लोग पॉजिटिव मिल चुके हैं।)
डाॅ. नागपाल के क्लिनिक में जाने वाले मरीज
शहजादपुर के जसबीर सिंह (70), गौरव (25), सीता राम (79), श्याम सिंह (69), उषा देवी (56), अमरीक कौर (57), सरिता सेठी (52), ख्यानदीन (62) गधौली, रीना (50) कक्कड़माजरा, रामचंद्र (68) भूरेवाला, सुषमा (57) नारायणगढ़, देवीलाल (27) भेड़ों, रामकरण (60) भारांपुर, धनी राम (60) नारायणगढ़, करण प्रकाश (20), सत्या देवी (70) बागवाली, रुख्साना (46) बुडनपुर।
पंचकूला डाकखाने में एजेंट है सोनिया, 28 मार्च तक गई
सोनिया महाजन पंचकूला के पोस्ट ऑफिस में एजेंट है। वह 28 मार्च तक डाकखाने में जाती रही थी। इस पोस्ट ऑफिस के कर्मियों व परिवारों को भी क्वारेंटाइन किया गया है। शहजादपुर के गांव तंदवाल निवासी पंचकूला डाकखाने के कर्मी व उसके परिवार के कुल 5 सदस्यों की सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आई है।
डाॅ. ऋषि नागपाल के पिता नारायणगढ़ में एसएमओ रहे
डाॅ. ऋषि नागपाल के पिता एचएसी नागपाल नारायणगढ़ में एसएमओ रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने पंचकूला के सेक्टर-11 में अस्पताल खोल लिया था। डाॅ. ऋषि नागपाल भी सरकारी सेवा में थे और एक साल शहजादपुर में रहे हैं। इस कारण यहां से मरीज पंचकूला उनकी क्लीनिक में इलाज कराने जाते हैं।
यहां सुधार की जरूरत, सैंपल लेने के बाद आइसोलेशन वार्ड में रखने की बजाय होम क्वारेंटाइन करने की गलती कर रहा स्वास्थ्य विभाग
एक्सपर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग एक गलती कर रहा है कि जिन लोगों के सैंपल ले रहा है, उन्हें रिपोर्ट आने तक आइसोलेशन में रखने की बजाय होम क्वारेंटाइन कर रहा है। शहजादपुर के मामले में विभाग ने इस महिला के 13 परिजनों के सैंपल लेकर होम क्वारेंटाइन कर दिया था। जबकि यह परिवार विभाग की हिदायतों का पालन करने की बजाय मोहल्ले में घूमता रहा। इससे पहले कैंट में टिंबर मार्केट में ही कोहली परिवार के साथ विभाग ने यही गलती की थी। तब उनके सैंपल लेकर होम क्वारेंटाइन कर दिया था। बाद में कोहली की समधन पॉजिटिव निकली थी।
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